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सनातन धर्म के प्रकाश में आत्मिक जागृति की यात्रा

पूज्य श्री हरिवंश जी महाराज सनातन धर्म के दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए समर्पित एक महान आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं। वेदों, उपनिषदों और पुराणों के गूढ़ ज्ञान को सरल भाषा में प्रस्तुत कर वे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक जीवन का मार्ग दिखाते हैं। उनके प्रवचन केवल धार्मिक उपदेश नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जागरण हैं, जो आत्मा को पवित्र करने और जीवन को एक नई दिशा देने का कार्य करते हैं।

🌿 आध्यात्मिक योगदान और शिक्षाएँ
हरिवंश जी महाराज के प्रवचनों में श्रीमद् भागवत कथा, कृष्ण भक्ति, धर्म और जीवन की वास्तविकता को समझाने की विशेष कला है। उनके प्रवचन व्यक्ति को आत्मज्ञान, भक्ति और सेवा भाव की ओर प्रेरित करते हैं। उन्होंने अपने संदेशों के माध्यम से समाज को यह सिखाया कि धर्म केवल आस्थाओं का विषय नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है, जिसे आत्मसात कर जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।

उनकी मधुर वाणी में गाए गए भजन और संकीर्तन न केवल आत्मा को आनंदित करते हैं बल्कि भक्तों के हृदय को भी शांति और भक्ति से भर देते हैं। उनके द्वारा प्रस्तुत की गई कृष्ण कथा एवं श्रीमद् भागवत कथा केवल धार्मिक प्रसंग नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुष्ठान हैं जो जीवन की जटिलताओं को समझाने और आत्मिक शुद्धि के लिए प्रेरित करने का कार्य करते हैं।

🌎 ग्लोबल वैदिक फाउंडेशन – सनातन धर्म का संरक्षण एवं प्रचार
ग्लोबल वैदिक फाउंडेशन, हरिवंश जी महाराज की प्रेरणा से संचालित एक वैदिक एवं आध्यात्मिक संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के मूल तत्वों को संरक्षित करना एवं उन्हें आधुनिक समाज तक पहुँचाना है। इस फाउंडेशन के माध्यम से विभिन्न भागवत कथाओं, भक्ति कार्यक्रमों, सेवा प्रकल्पों एवं धार्मिक आयोजनों का संचालन किया जाता है, जिससे समाज में आध्यात्मिकता का प्रसार हो सके।

फाउंडेशन के मुख्य कार्य:
श्रीमद् भागवत कथा और संकीर्तन आयोजन – धर्म एवं भक्ति को बढ़ावा देना।
वैदिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार – युवाओं को प्राचीन ज्ञान से जोड़ना।
धार्मिक एवं सामाजिक सेवा प्रकल्प – गरीबों की सहायता एवं अन्नदान।
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली का पुनरुद्धार – सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए।

🌺 आध्यात्मिक क्रांति की ओर एक कदम
हरिवंश जी महाराज का मानना है कि एक सशक्त समाज की नींव आध्यात्मिक जागरूकता से ही रखी जा सकती है। उनकी कथाएँ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक क्रांति हैं जो आत्मा को जागृत करती हैं और जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती हैं।

आज जब समाज आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, तब भी सनातन धर्म की दिव्यता को बनाए रखना और उसे नई पीढ़ी तक पहुँचाना अत्यंत आवश्यक है। हरिवंश जी महाराज अपने प्रवचनों और भक्ति आंदोलन के माध्यम से इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि हर व्यक्ति अपने अंतःकरण में शुद्धता, भक्ति और सेवा की भावना को विकसित कर सके।

🚩 "धर्म केवल मानने की चीज़ नहीं, बल्कि जीवन में अपनाने की प्रक्रिया है। भक्ति और सेवा ही सच्चा धर्म है।" – पूज्य श्री हरिवंश जी महाराज

पूज्य श्री हरिवंश जी महाराज: सनातन संस्कृति के आदर्श प्रचारक

पूज्य श्री हरिवंश जी महाराज न केवल श्रीमद् भागवत कथा एवं कृष्ण कथा के महान प्रवक्ता हैं, बल्कि सनातन धर्म की अमूल्य परंपराओं को पुनर्जीवित करने वाले एक प्रेरणास्रोत भी हैं। वेद, उपनिषद, और भागवत महापुराण का गहन अध्ययन और सरल व्याख्या उनकी विशेषता है। उनके प्रवचन आत्मा को जागृत करने वाले और जीवन को दिव्यता से भरने वाले होते हैं।

महाराज जी का मुख्य उद्देश्य सनातन संस्कृति की जड़ों को मजबूत करना और आने वाली पीढ़ियों को भारतीय धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता से जोड़ना है। उनकी कथाएँ और भजन केवल श्रवण करने योग्य नहीं, बल्कि आत्मसात करने योग्य होते हैं। वे आध्यात्मिक चेतना को जागृत कर भक्तों को भक्ति, सेवा और धर्म के मार्ग पर अग्रसर करते हैं।

उनकी शिक्षाएँ केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे जीवन के हर क्षेत्र में धर्म और नैतिकता को लागू करने की प्रेरणा देती हैं। चाहे वह पारिवारिक जीवन हो, समाज सेवा हो या व्यक्तिगत साधना – महाराज जी के प्रवचन हर व्यक्ति को यह समझाते हैं कि धर्म केवल मंदिरों तक सीमित नहीं, बल्कि यह हमारे विचारों, कर्मों और आचरण में समाहित होना चाहिए।

निःस्वार्थ सेवा ही सच्ची भक्ति का स्वरूप है

पूज्य श्री हरिवंश जी महाराज सिखाते हैं कि निःस्वार्थ सेवा (सेवा भाव) जीवन की सबसे उच्चतम भक्ति है। दान, करुणा, और जरूरतमंदों की सहायता के माध्यम से ही हम आध्यात्मिकता के वास्तविक स्वरूप को समझ सकते हैं। महाराज जी का संदेश है कि जब हम दूसरों की सेवा के लिए समर्पित होते हैं, तभी हम अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को प्राप्त कर पाते हैं और धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं।

ग्लोबल वैदिक फाउंडेशन विभिन्न सेवा कार्यों के लिए समर्पित है, जिसमें अन्नदान, मंदिरों का जीर्णोद्धार, शिक्षा सहायता, और विश्वभर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन शामिल है। यह संगठन सेवा को भक्ति का ही एक रूप मानता है और समाज के हर वर्ग तक मदद पहुँचाने का प्रयास करता है।

सेवा भाव से किए गए कार्य न केवल समाज के लिए उपयोगी होते हैं, बल्कि व्यक्ति के भीतर दया, करुणा और आत्मिक शांति को भी जागृत करते हैं। महाराज जी बताते हैं कि जब हम जरूरतमंदों की सहायता करते हैं, तो यह केवल दान नहीं, बल्कि ईश्वर की भक्ति का एक श्रेष्ठतम रूप होता है। इस दिव्य अभियान का हिस्सा बनें और सेवा के मार्ग को अपनाकर अपना जीवन धन्य करें।

जीवन परिचय – हरिवंश जी महाराज की आध्यात्मिक यात्रा

भक्ति, सेवा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित जीवन।

हरिवंश जी महाराज का जन्म एक धार्मिक और संस्कारी परिवार में हुआ, जहाँ उन्हें बचपन से ही सनातन धर्म की दिव्य शिक्षाओं का ज्ञान प्राप्त हुआ। प्रारंभिक अवस्था से ही वे धार्मिक ग्रंथों, वेदों, उपनिषदों और श्रीमद्भागवत गीता के गूढ़ रहस्यों को समझने में रुचि रखते थे। उनकी आत्मा में भक्ति का बीज तभी अंकुरित हुआ जब उन्होंने कृष्ण भक्ति, भजन संकीर्तन और धार्मिक प्रवचनों की ओर विशेष झुकाव महसूस किया। यह झुकाव मात्र एक अभिरुचि नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा का आरंभ था।

गुरु-शिष्य परंपरा का पालन करते हुए, उन्होंने कई प्रसिद्ध संतों और आध्यात्मिक गुरुओं से भागवत कथा, कृष्ण कथा एवं भक्ति के रहस्यों की शिक्षा प्राप्त की। यह शिक्षा केवल शास्त्रों तक सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने व्यक्तिगत साधना और आत्मशुद्धि द्वारा इस ज्ञान को आत्मसात किया। अपनी साधना और ध्यान से प्राप्त आध्यात्मिक ऊर्जा को उन्होंने श्रद्धालुओं तक पहुँचाने का संकल्प लिया, जिससे हर व्यक्ति सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप को समझ सके और अपने जीवन में उसे उतार सके

महाराज जी के प्रवचन केवल धार्मिक उपदेश नहीं होते, बल्कि वे जीवन को एक नई दिशा देने का कार्य करते हैं। उनकी शिक्षाएँ सनातन धर्म की गहरी परंपराओं को आधुनिक जीवन से जोड़ती हैं, जिससे हर व्यक्ति अपनी संस्कृति और मूल्यों को समझ सके और उनके अनुरूप अपना जीवन व्यतीत कर सके। उनके प्रवचनों में संस्कृत शास्त्रों की गहरी व्याख्या, भजन संकीर्तन की मधुरता, और जीवन के लिए प्रेरणादायक संदेशों का समावेश होता है।

उनका मानना है कि भगवान श्रीकृष्ण केवल एक आराध्य देवता नहीं, बल्कि जीवन के मार्गदर्शक हैं। उनके उपदेशों को समझकर और जीवन में लागू करके ही व्यक्ति सच्ची भक्ति और आत्मिक शांति प्राप्त कर सकता है। महाराज जी का संपूर्ण जीवन भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को जन-जन तक पहुँचाने, सेवा और धर्म की भावना को सशक्त बनाने तथा लोगों के हृदयों में श्रद्धा जागृत करने के लिए समर्पित है

आज उनके कथा और प्रवचन लाखों श्रद्धालुओं तक पहुँच रहे हैं, और वे आने वाली पीढ़ियों को सनातन धर्म से जोड़ने के अपने संकल्प को लगातार साकार कर रहे हैं। उनका संदेश भक्ति, सेवा, और निःस्वार्थ प्रेम पर आधारित है, जिससे हर व्यक्ति अपने भीतर छिपी दिव्यता को पहचान सके और अपने जीवन को सार्थक बना सके

Books & Publications

हरिवंश जी महाराज द्वारा लिखित प्रेरणादायक पुस्तकों के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करें।

हरिवंश जी महाराज द्वारा लिखित प्रेरणादायक पुस्तकें भक्तों और आध्यात्मिक साधकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती हैं। उनके लेखन में सनातन धर्म, श्रीमद् भागवत कथा, भक्ति योग और धर्मशास्त्रों की गहरी शिक्षाओं को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे हर व्यक्ति इन्हें पढ़कर अपने जीवन में आत्मसात कर सके। उनकी पुस्तकें न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत हैं, बल्कि आत्म-जागरण और भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने का एक साधन भी हैं

इन ग्रंथों में हरिवंश जी महाराज वेदों, पुराणों और अन्य पवित्र ग्रंथों के गूढ़ ज्ञान को अत्यंत स्पष्ट और व्यावहारिक रूप में समझाते हैं, जिससे पाठक आध्यात्मिक सिद्धांतों को केवल पढ़ने तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें अपने जीवन में आसानी से लागू कर सकें। उनके लेखन में श्रीमद् भागवत कथा की दिव्यता, श्रीकृष्ण भक्ति का महत्व और आत्मिक शुद्धि के उपायों को विस्तार से समझाया गया है।

उनकी पुस्तकें केवल धार्मिक अध्ययन के लिए नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाने वाली अमूल्य धरोहर हैं। जो पाठक इन पुस्तकों का अध्ययन करते हैं, वे जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझने, मानसिक शांति प्राप्त करने और भगवान श्रीकृष्ण के साथ गहरे आध्यात्मिक संबंध विकसित करने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

हरिवंश जी महाराज के लेखन में शुद्ध भक्ति, प्रेम, सेवा, और जीवन के परम सत्य की झलक मिलती है। इन पुस्तकों के माध्यम से वे सनातन संस्कृति की महान धरोहर को संरक्षित और प्रचारित कर रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी सनातन धर्म की दिव्यता को समझ सकें और उसे अपने जीवन में धारण कर सकें

श्रद्धालुओं के अनुभव – भक्ति की साक्षी

हरिवंश जी महाराज के प्रवचनों से प्रेरित भक्तों के हृदयस्पर्शी अनुभव।

महाराज जी की भागवत कथा सुनने से मेरा जीवन पूरी तरह बदल गया। मुझे शांति और जीवन का एक नया उद्देश्य मिला है। उनके प्रवचनों ने मुझे भगवान श्रीकृष्ण से गहरा जुड़ाव महसूस करने में मदद की है।

Ramesh Sharma Delhi

मैंने महाराज जी के साथ ब्रज चौरासी कोस यात्रा में भाग लिया, और यह मेरे जीवन का सबसे दिव्य अनुभव था। उनके प्रवचनों में जो आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति होती है, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है।

Sunita Devi Varanasi

महाराज जी के सत्संग में भाग लेने से मेरी सनातन धर्म में आस्था और मजबूत हुई है। उनके प्रवचनों ने मुझे जीवन की सही दिशा दी और भक्ति के वास्तविक अर्थ को समझने में मदद की।

Rajesh Tiwari Mathura

महाराज जी के भजनों में जो ऊर्जा और भक्ति होती है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। जब भी मैं उनके कीर्तन सुनती हूँ, तो मेरे मन में भक्ति और शांति की अनुभूति होती है।

Priya Sharma Indore